Tuesday, December 24, 2013

झटिति पराशयवेदिनो हि विज्ञाः ।

(जो झट से दूसरे का आशय जान ले वही बुद्धिमान है ।)

अरबी कहावत

जो जानता नही कि वह जानता नही,वह मुर्ख है- उसे दुर भगाओ;
जो जानता है कि वह जानता नही, वह सीधा है - उसे सिखाओ;
जो जानता नही कि वह जानता है, वह सोया है- उसे जगाओ;
जो जानता है कि वह जानता है, वह सयाना है- उसे गुरू बनाओ ।


महाभारत (उद्योग पर्व)

पशु पालक की भांति देवता लाठी ले कर रक्षा नही करते, वे जिसकी रक्षा करना चाहते हैं उसे बुद्धी से समायुक्त कर देते है ।

थामस हक्सले

सारी चीजों के बारे मे कुछ-कुछ और कुछेक के बारे मे सब कुछ सीखने की कोशिश करनी चाहिये ।
दिमाग जब बडे-बडे विचार सोचने के अनुरूप बडा हो जाता है, तो पुनः अपने मूल आकार में नही लौटता ।
संसार जितना ही तेजी से बदलता है, अनुभव उतना ही कम प्रासंगिक होता जाता है । वो जमाना गया जब आप अनुभव से सीखते थे, अब आपको भविष्य से सीखना पडेगा ।

ग्राफिटो

मैं यह जानने के लिये लिखता हूँ कि मैं सोचता क्या हूँ ।

अज्ञात

दरिद्र व्यक्ति कुछ वस्तुएं चाहता है, विलासी बहुत सी और लालची सभी वस्तुएं चाहता है।

प्रेमचंद

दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी कम प्यारे नहीं होते।

जयशंकर प्रसाद

अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आती है।