अभी तो आँख खुली है अभी क्या देखा है -
सुन आगे आगे देख तो क्या होता है --
फूल बोयेगा तो खुशबू मिलेगी फूलों की --
खार बोता है और फूलों के लिए रोता है --
कौन किसके नसीब से यहाँ लड़ पाया है--
एक तेरे चीखने चिल्लाने से क्या होता है --
रोते हुए आया था नंगा जाएगा भी नंगा --
बता क्या है यहाँ तेरा जिसे तू खोता है --
औलाद भी दो चार दिन रोयेगी भूल जायेगी --
उम्र भर कौन यहाँ किसके लिए रोता है --
खुशियां मिलीं या गम मत सोच सफर में--
हर आदमी अपने ही कर्मों का बोझ ढोता है --
सुन आगे आगे देख तो क्या होता है --
फूल बोयेगा तो खुशबू मिलेगी फूलों की --
खार बोता है और फूलों के लिए रोता है --
कौन किसके नसीब से यहाँ लड़ पाया है--
एक तेरे चीखने चिल्लाने से क्या होता है --
रोते हुए आया था नंगा जाएगा भी नंगा --
बता क्या है यहाँ तेरा जिसे तू खोता है --
औलाद भी दो चार दिन रोयेगी भूल जायेगी --
उम्र भर कौन यहाँ किसके लिए रोता है --
खुशियां मिलीं या गम मत सोच सफर में--
हर आदमी अपने ही कर्मों का बोझ ढोता है --