आज फिर एक सिगरेट जला रहा हूँ
फिर एक तीली बुझा रहा हूँ
उसकी नज़र में ये एक गुनाह था
मैं तो बस उसके वादे भुला रहा हूँ
समझना मत इसे मेरी आदत
मैं तो बस धुआं उड़ा रहा हूँ
ये उसकी यादों के सिलसिले हैं
मैं उसकी यादें जला रहा हूँ
मैं पी कर इतना बहक चूका हूँ
की गम के किस्से सुना रहा हूँ
अगर तुम्हे भी गम है तो मेरे पास आओ
मैं पी रहा हूँ और पिला रहा हूँ
हैं मेरी तो आँखें नम
मगर मैं सबको हँसा रहा हूँ
खो कर अपनी ज़िन्दगी में
अपने बे इन्तहा प्यार को भुला रहा हूँ
एक सिगरेट की शमा के बहाने मैं अपने आप को जला रहा हूँ
मैं आज फिर एक सिगरेट जला रहा हूँ
फिर एक तीली बुझा रहा हूँ
उसकी नज़र में ये एक गुनाह था
मैं तो बस उसके वादे भुला रहा हूँ
समझना मत इसे मेरी आदत
मैं तो बस धुआं उड़ा रहा हूँ
ये उसकी यादों के सिलसिले हैं
मैं उसकी यादें जला रहा हूँ
मैं पी कर इतना बहक चूका हूँ
की गम के किस्से सुना रहा हूँ
अगर तुम्हे भी गम है तो मेरे पास आओ
मैं पी रहा हूँ और पिला रहा हूँ
हैं मेरी तो आँखें नम
मगर मैं सबको हँसा रहा हूँ
खो कर अपनी ज़िन्दगी में
अपने बे इन्तहा प्यार को भुला रहा हूँ
एक सिगरेट की शमा के बहाने मैं अपने आप को जला रहा हूँ
मैं आज फिर एक सिगरेट जला रहा हूँ