Friday, May 18, 2012

तुमसे दर्द ही मिलना है

तुमसे दर्द ही मिलना है तो ये ही सही..

कुछ और चाहा तो हाथ से ये भी जायेगा ...

तुम दिल ना दुखाओगे तब भी दुखेगा ये दिल ...

ऐसे रिश्ते में दीवाना भला और क्या पायेगा ..

मेरे आने की ना सही कम से कम जाने की खबर तो पूछ ..

क्या मौत में भी दीवाना खाली हाथ जायेगा !!

एहसास तुम हो

मेरा सावन भी तुम हो मेरी प्यास भी तुम हो ..!
सेहरा की बाँहों में छुपी आस भी तुम हो..!

तुम यूँ तो बहुत दूर बहुत दूर हो मुझ से..!
एहसास ये होता है मेरे पास भी तुम हो..!

हर ज़ख़्म की आगोश में है दर्द तुम्हारा..!
हर दर्द मैं तस्कीन का एहसास भी तुम हो..!

खो जाओ तो वीरान सी हो जाती हैं राहें..!
मिल जाओ तो फिर जीने का एहसास भी तुम हो..!

लिखता हूँ तो तुम ही उतरती हो कलम से..!
पढता हूँ तो लहजा भी तुम आवाज़ भी तुम हो..!

दिल की बात छुपाने मेँ मज़ा आता है

दिल की बात छुपाने मेँ मज़ा आता है ,

सच कहूँ तो उसको सताने मेँ मज़ा आता है ,

जब भी चाहा उसे तो दिल से चाहा ,

उसे तो पल-पल अपना बनाने मेँ मज़ा आता है ,

जब से उसे अपना माना है एक पल भी नहीँ भूला हूँ ,

उसको तो हर पल याद करने मेँ मजा आता है ,

अब आप ही बताओ ,कैसे बताएँ उसे दिल के जज़बात,

जब बिना बताए ही चाहत का मज़ा आता है..!!

क्या तुम भी?

शाम की देहलीज़ पे आस का दीप जलाते हो,
और किसी आवारा पत्ते की आहत पर,
दरवाज़े की तरफ भागे जाते हो,

क्या तुम भी?

दर्द छुपाने की कोशिश करते करते,
अक्सर थक से जाते हो,
और बिना वजह मुस्कुराते हो,

क्या तुम भी?

नींद से पहले पलकों पर ढेरों ख्वाब सजाते हो,
या फिर बिस्तर पर लेट कर,
रोते रोते सो जाते हो,

क्या तुम भी?

किसी को चाहते हो . . .?