Monday, May 18, 2015

गीला चाँद

रात की काली चादर पे अब सोया है चमकीला चाँद,
तेरे प्यार की ओस में भीगा थोड़ा थोड़ा गीला चाँद ..

तेरी चुप्पी

तेरी चुप्पी ...जैसे सूरज गुस्से में तमतमाए
तेरी चुप्पी ....जैसे चलते चलते हवा रुक जाए
तेरी चुप्पी ....जैसे बात बेबात आँख अश्क बहाए
तेरी चुप्पी ...जैसे लू , हाल बेहाल कर जाए
तेरी चुप्पी.....जैसे ज़िंदगी मेरी रुकने लग जाए
तेरी चुप्पी....जैसे खामोशी मुझे चीरती जाए
तेरी चुप्पी....जैसे सोखता जो हर खुशी सोखे जाए
तेरी चुप्पी ... जैसे रेत की आंधी जो सब उड़ा ले जा
तेरी चुप्पी...............चुपचाप कहर ढाए

लड़ो झगडो ..कहो सुनो ...पर,बोलो ....
मुझसे अब यह सब सहा नहीं जाए