आज कल के रांझे मुझसे सावाल करते हैं
मेरी लिखी बातो पर रोज बवाल करते हैं
मुझसे पुछ्ते हैं नये नये तारीके शायरी मे
कहते हैं राजन आप लिख् कर कमाल करते हैं
हमे भी बना लो तुम अपना शागिर्द गुरू जी
आप रोज कलम से नित नया धमाल करते हैं
शायरी मे वज़न ना हो तो क्या फ़ाइदा
अपने शब्दो से रोज माळा माळ करते हैं
मेरी लिखी बातो पर रोज बवाल करते हैं
मुझसे पुछ्ते हैं नये नये तारीके शायरी मे
कहते हैं राजन आप लिख् कर कमाल करते हैं
हमे भी बना लो तुम अपना शागिर्द गुरू जी
आप रोज कलम से नित नया धमाल करते हैं
शायरी मे वज़न ना हो तो क्या फ़ाइदा
अपने शब्दो से रोज माळा माळ करते हैं