Wednesday, April 8, 2015

सावाल करते हैं

आज कल के रांझे मुझसे सावाल करते हैं
मेरी लिखी बातो पर रोज बवाल करते हैं
मुझसे पुछ्ते हैं नये नये तारीके शायरी मे
कहते हैं राजन आप लिख् कर कमाल करते हैं
हमे भी बना लो तुम अपना शागिर्द गुरू जी
आप रोज कलम से नित नया धमाल करते हैं
शायरी मे वज़न ना हो तो क्या फ़ाइदा
 अपने शब्दो से रोज माळा माळ करते हैं

हर करवट पर नाम तेरा

रात गई पर
तुम कसमसाते मेरी देह में,
आँखों से निंद चुरा ले जाते हो,
चादर की हर सलवट पर नाम तेरा,
सांसो को नापती,
धडकनो को गिनती,
तुम ना जाने
किस करवट पर आ मिलो,
हर आहट पर कर्ण मेरे,
मेरी सांसो को है तेरा इंतजार,
रात गई तुम कहाँ मैं कहाँ,
भोर भई देह अलसाई,
हर करवट पर नाम तेरा।