रात गई पर
तुम कसमसाते मेरी देह में,
आँखों से निंद चुरा ले जाते हो,
चादर की हर सलवट पर नाम तेरा,
सांसो को नापती,
धडकनो को गिनती,
तुम ना जाने
किस करवट पर आ मिलो,
हर आहट पर कर्ण मेरे,
मेरी सांसो को है तेरा इंतजार,
रात गई तुम कहाँ मैं कहाँ,
भोर भई देह अलसाई,
हर करवट पर नाम तेरा।
तुम कसमसाते मेरी देह में,
आँखों से निंद चुरा ले जाते हो,
चादर की हर सलवट पर नाम तेरा,
सांसो को नापती,
धडकनो को गिनती,
तुम ना जाने
किस करवट पर आ मिलो,
हर आहट पर कर्ण मेरे,
मेरी सांसो को है तेरा इंतजार,
रात गई तुम कहाँ मैं कहाँ,
भोर भई देह अलसाई,
हर करवट पर नाम तेरा।
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