Wednesday, April 8, 2015

हर करवट पर नाम तेरा

रात गई पर
तुम कसमसाते मेरी देह में,
आँखों से निंद चुरा ले जाते हो,
चादर की हर सलवट पर नाम तेरा,
सांसो को नापती,
धडकनो को गिनती,
तुम ना जाने
किस करवट पर आ मिलो,
हर आहट पर कर्ण मेरे,
मेरी सांसो को है तेरा इंतजार,
रात गई तुम कहाँ मैं कहाँ,
भोर भई देह अलसाई,
हर करवट पर नाम तेरा।

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