Monday, May 7, 2012

हमे नींद आ जाये

अगर तुम गुनगुनाओ तो हमे नींद आ जाये
गजल कोई सुनाओ तो हमे नींद आ जाये

सुनो ये रौशनी आँखों को चुभने लगी है
चीरागों को बुझाओ तो हमे नींद आ जाये

कभी फुर्सत मिले तो तुम हमारे साथ कुछ लम्हे
मोहोब्बत के बिताओ तो हमे नींद आ जाये

सुलगती सात में आवाज़ का अपनी ज़रा सा तुम
अगर जादू जगाओ तो हमे नींद आ जाये

तुम अपने नर्म हाथों से हमारे सर को सहलाओ
मोहोब्बत से सुलाओ तो हमे भी नींद आ जाये

हमारे रास्तों से खार चुन का नर्म फूलों की
अगर बिस्तर बिछाओ तो हमे भी नींद आ जाये

ज़रा सा हौसला कर के निभाओ अपने वादों को
सितारे तोड़ लाओ तो हमे भी नींद आ जाये

अजब सा बोझ है दिल पर अगर यह बोझ दिल पर से
किसी दिन तुम हटाओ तो हमे भी नींद आ जाये

ज़िन्दगी का जाम

यादों में गुजरी हुई हर शाम उनके नाम
मेरी इस बेमतलब ज़िन्दगी का जाम उनके नाम

उनके दीदार को तरसती हुई प्यासी ये निगाहें
दिल में दहकती आग का पैगाम उनके नाम

वोह ज़िन्दगी में आया था जब से छाई है बैचेनी
उससे पहले जो मयस्सर था वोह आराम उनके नाम

अन्ध्रेरों में भी साथ चलता था उसका साया
इस बार मेरी तन्हाई का कलाम उनके नाम

आया करता था उनके चाहने वालों की फेहरिस्त में
खूबसूरत मायना रखने वाला मेरा नाम उनके नाम

मेरी नजर मेरी उम्र मेरा नाम मेरा जिगर
मोहोब्बत की इब्तदा और अंजाम उनके नाम

ऐ जान ऐ जिगर मेरी हर खता हो माफ़
दुनिया से जाते जाते मेरा सलाम उनके नाम

ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तनहा


ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तनहा
काफिला साथ रहा और सफ़र तनहा
अपने साए से भी चौंक जाते है
उम्र गुजरी है इस कदर तनहा
रात भर बोलता रहे सन्नाटे में
रात काटे कोई किधर तनहा
दिन गुजरता नहीं लोगों में
रात होती नहीं बसर तनहा

सब उसका है

मुझ में जो कुछ अच्छा है सब उसका है

मेरा जितना चर्चा है सब उसका है

मेरा और उसका रिश्ता बड़ा पुराना है

मैं ने जो कुछ सोचा है सब उसका है

मेरी आँखें उसके नूर से रोशन है

मैंने जो कुछ देखा सब उसका है

मैंने जो कुछ खोया सब उसका था

मैंने जो कुछ पाया है सब उसका है

जितने बार में टूटा हूँ वोह टूटा था

जो इधर उधर बिखरा है सब उसका है