अगर तुम गुनगुनाओ तो हमे नींद आ जाये
गजल कोई सुनाओ तो हमे नींद आ जाये
सुनो ये रौशनी आँखों को चुभने लगी है
चीरागों को बुझाओ तो हमे नींद आ जाये
कभी फुर्सत मिले तो तुम हमारे साथ कुछ लम्हे
मोहोब्बत के बिताओ तो हमे नींद आ जाये
सुलगती सात में आवाज़ का अपनी ज़रा सा तुम
अगर जादू जगाओ तो हमे नींद आ जाये
तुम अपने नर्म हाथों से हमारे सर को सहलाओ
मोहोब्बत से सुलाओ तो हमे भी नींद आ जाये
हमारे रास्तों से खार चुन का नर्म फूलों की
अगर बिस्तर बिछाओ तो हमे भी नींद आ जाये
ज़रा सा हौसला कर के निभाओ अपने वादों को
सितारे तोड़ लाओ तो हमे भी नींद आ जाये
अजब सा बोझ है दिल पर अगर यह बोझ दिल पर से
किसी दिन तुम हटाओ तो हमे भी नींद आ जाये
गजल कोई सुनाओ तो हमे नींद आ जाये
सुनो ये रौशनी आँखों को चुभने लगी है
चीरागों को बुझाओ तो हमे नींद आ जाये
कभी फुर्सत मिले तो तुम हमारे साथ कुछ लम्हे
मोहोब्बत के बिताओ तो हमे नींद आ जाये
सुलगती सात में आवाज़ का अपनी ज़रा सा तुम
अगर जादू जगाओ तो हमे नींद आ जाये
तुम अपने नर्म हाथों से हमारे सर को सहलाओ
मोहोब्बत से सुलाओ तो हमे भी नींद आ जाये
हमारे रास्तों से खार चुन का नर्म फूलों की
अगर बिस्तर बिछाओ तो हमे भी नींद आ जाये
ज़रा सा हौसला कर के निभाओ अपने वादों को
सितारे तोड़ लाओ तो हमे भी नींद आ जाये
अजब सा बोझ है दिल पर अगर यह बोझ दिल पर से
किसी दिन तुम हटाओ तो हमे भी नींद आ जाये
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