ज़ख्म मुस्कुराते हैं अब भी तेरी आहट पर
दर्द भूल जाते हैं अब भी तेरी आहट पर
शबनमी सितारों मे फूल खिलने लगते हैं
चाँद मुस्कुराता है अब भी तेरी आहट पर
उम्र काट दी लेकिन बचपना नहीं जाता
हम दिया जलते हैं अब भी तेरी आहट पर
घंटियाँ सी बजती हैं रुक्स होने लगता है
दर्द जगमगाते हैं अब भी तेरी आहट पर
तेरी याद आये तो नींद जाती रहती है
ख्वाब टूट जाते हैं अब भी तेरी आहट पर
जो सितम करे आकर सब कबूल है दिल को
हम ख़ुशी मानते हैं अब भी तेरी आहट पर
अब भी तेरी आहट पर चाँद मुस्कुराता है
ख्वाब गुनगुनाते हैं अब भी तेरी आहट पर
तेरे हिज्र मे हम पर एक अज़ाब तरी है
चौंक चौंक जाते हैं अब भी तेरी आहट पर
दस्तकें सजाने के मुन्तजिर नहीं रहते
रास्ते सजाते हैं अब भी तेरी आहट पर
अब भी तेरी आहट पर आस लौट आती है
हम दिए जलते हैं अब भी तेरी आहट पर
दर्द भूल जाते हैं अब भी तेरी आहट पर
शबनमी सितारों मे फूल खिलने लगते हैं
चाँद मुस्कुराता है अब भी तेरी आहट पर
उम्र काट दी लेकिन बचपना नहीं जाता
हम दिया जलते हैं अब भी तेरी आहट पर
घंटियाँ सी बजती हैं रुक्स होने लगता है
दर्द जगमगाते हैं अब भी तेरी आहट पर
तेरी याद आये तो नींद जाती रहती है
ख्वाब टूट जाते हैं अब भी तेरी आहट पर
जो सितम करे आकर सब कबूल है दिल को
हम ख़ुशी मानते हैं अब भी तेरी आहट पर
अब भी तेरी आहट पर चाँद मुस्कुराता है
ख्वाब गुनगुनाते हैं अब भी तेरी आहट पर
तेरे हिज्र मे हम पर एक अज़ाब तरी है
चौंक चौंक जाते हैं अब भी तेरी आहट पर
दस्तकें सजाने के मुन्तजिर नहीं रहते
रास्ते सजाते हैं अब भी तेरी आहट पर
अब भी तेरी आहट पर आस लौट आती है
हम दिए जलते हैं अब भी तेरी आहट पर
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