मोहब्बत फ़र्ज़ जैसी है, निभाना सीख जाओगे !
दिलो पे क़र्ज़ जैसी है, चुकाना सीख जाओगे !!
लबो पे फूल जैसी है, खिलाना सीख जाओगे !
नज़र में आग जैसी है, लगाना सीख जाओगे !!
तुम तक फासला जो है, मिटाना सीख जाओगे !
कभी जो दिल में आ बैठी, ज़माना भूल जाओगे !!
दिलो पे क़र्ज़ जैसी है, चुकाना सीख जाओगे !!
लबो पे फूल जैसी है, खिलाना सीख जाओगे !
नज़र में आग जैसी है, लगाना सीख जाओगे !!
तुम तक फासला जो है, मिटाना सीख जाओगे !
कभी जो दिल में आ बैठी, ज़माना भूल जाओगे !!
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