Thursday, December 19, 2013

सिल्विया लेवी (फ्रांसीसी विद्वान)

"भारत ने शताब्दियों से एक लम्‍बे आरोहण के दौरान मानव जाति के एक चौथाई भाग पर अमिट छाप छोड़ी है। भारत के पास उसका स्‍थान मानवीयता की भावना को सांकेतिक रूप से दर्शाने और महान राष्‍ट्रों के बीच अपना स्‍थान बनाने का दावा करने का अधिकार है। पर्शिया से चीनी समुद्र तक साइबेरिया के बर्फीलें क्षेत्रों से जावा और बोरनियो के द्वीप समूहों तक भारत में अपनी मान्‍यता, अपनी कहानियां और अपनी सभ्‍यता का प्रचार प्रसार किया है।"

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