कालोनी के मैरिज हाल में आज एक शादी है...वही आये हुए है...बढ़िया इंतजाम
किया गया है...अच्छी खासी चहल पहल है...पानी के फव्वारे रंग बिरंगे पानी
उगल रहे है..आतिशबाजी से आकाश रोशन सा हो रहा है...हँसते मुस्कुराते चेहरों
का मजमा लगा हुआ है.. खानों की खुसबू से माहौल महक रहा है...फिर से एक
जोड़े आज एक बन्धन में बंध जाएंगे...पर मेरा ध्यान एकाएक इन सब से हट के उस
सख्स की तरफ चला गया जो इन सब चोचलो से दूर कही गम के नशे में चूर होकर
अपनी चाहत की चारदीवारी में कैद दिल के टूटे टुकड़ों को एक एक कर समेटता हुआ क्या खोया क्या पाया का हिसाब किताब लगा रहा होगा...
सजते हुए सपनों के बीच उस बिखरते हुए एहसासों को कौन देखता है...
खैर छोड़ो ये कोई नया किस्सा तो है नही जमाने से यही होता आया है और यही होता भी रहेगा...अपन को क्या करना है अपन पहले बिरयानी और आइस क्रीम पर कन्सन्ट्रेट करते है..
ऐ भाई खाली चावल ही दोगे का बिरयानी में लेग पिसवा कौन डालेगा जी..
बिरयानी के खुशबूदार चावल में लिपटी उंगलियां बखूबी अपने कार्य को अंजाम दे रही है और खोजी नजरों ने कोने में लगे आइसक्रीम के स्टाल को भी देख लिया था...पर मन के चादर पर रह रह के उस सख्स के लिए सहानभूति की सिलवटे पड़ जा रही है जो कही दूर बैठा हुआ एक एक पल सिसक रहा होगा!
सजते हुए सपनों के बीच उस बिखरते हुए एहसासों को कौन देखता है...
खैर छोड़ो ये कोई नया किस्सा तो है नही जमाने से यही होता आया है और यही होता भी रहेगा...अपन को क्या करना है अपन पहले बिरयानी और आइस क्रीम पर कन्सन्ट्रेट करते है..
ऐ भाई खाली चावल ही दोगे का बिरयानी में लेग पिसवा कौन डालेगा जी..
बिरयानी के खुशबूदार चावल में लिपटी उंगलियां बखूबी अपने कार्य को अंजाम दे रही है और खोजी नजरों ने कोने में लगे आइसक्रीम के स्टाल को भी देख लिया था...पर मन के चादर पर रह रह के उस सख्स के लिए सहानभूति की सिलवटे पड़ जा रही है जो कही दूर बैठा हुआ एक एक पल सिसक रहा होगा!
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