Thursday, June 2, 2011

जिक्र-ऐ-वफ़ा

मैं जिक्र-ऐ-वफ़ा ही महफ़िल में करता रहूँगा हमेशा,
जो मैं किया है उम्र भर फिर बात उसी की क्यूँ न करूँ....

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