Tuesday, July 12, 2011

इरादे जिस दिन से उड़ान पर हैं

इरादे जिस दिन से उड़ान पर हैं।
हजारों तीर देखिये कमान पर हैं।

लोग दे रहे हैं कानों में उँगलियाँ,
ये कैसे शब्द आपकी जुबां पर है।

मेरा सीना अब करेगा खंजरों से बगावत,
कुछ भरोसा सा इसके बयान पर हैं।

मजदूरों के तालू पर कल फिर दनदनाएगा,
सूरज जो आज शाम की ढलान पर है।

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