बात चली तेरी आँखों से ,आ पहुंची पैमाने तक...
खीँच रही है तेरी उल्फत ,आज मुझे मैखाने तक..
इश्क की बातें गम की बातें दुनिया वाले करते हैं
किसने देखा दुःख शम्मा का ,कौन गया परवाने तक..
इश्क नहीं है तुमको मुझसे सिर्फ बहाने करते हो,
यूँ ही बहाने कायम रखना,तुम मेरे मर जाने तक..
इतना ही कहना है तुमसे मुमकिन हो तो आ जाना..
आ ही गए तो रुकना होगा आँखों के पथराने तक
खीँच रही है तेरी उल्फत ,आज मुझे मैखाने तक..
इश्क की बातें गम की बातें दुनिया वाले करते हैं
किसने देखा दुःख शम्मा का ,कौन गया परवाने तक..
इश्क नहीं है तुमको मुझसे सिर्फ बहाने करते हो,
यूँ ही बहाने कायम रखना,तुम मेरे मर जाने तक..
इतना ही कहना है तुमसे मुमकिन हो तो आ जाना..
आ ही गए तो रुकना होगा आँखों के पथराने तक
No comments:
Post a Comment