मुझे अब सुकून नहीं मिलता इस जहाँ में-के कब आओगी तुम,
तरसता हूँ तेरी एक आवाज़ सुनने को -के कब बतलाओगी तुम,
खुदा के वास्ते कभी तो गले लगा लो मुझे,
पल पल ख़तम हो रही हैं अब जिन्दगी-के कब तक तरसाओगी तुम,
बहुत सी हसरतें हैं बाकी तेरे वादों की मेरे पास,
अब इतनी तो खावर देदो उन वादों की-के कब तक निभाओगी तुम,
अब शायद मेरी तमन्ना मेरी कबर में पूरी हो......
अब टी चैन की नींद सोने दो मुझे-के कब तक जगाओगी तुम......
मुझे अब सुकून नहीं मिलता इस जहाँ में-के कब आओगी तुम,
तरसता हूँ तेरी एक आवाज़ सुनने को -के कब बत्लोगी तुम,
तरसता हूँ तेरी एक आवाज़ सुनने को -के कब बतलाओगी तुम,
खुदा के वास्ते कभी तो गले लगा लो मुझे,
पल पल ख़तम हो रही हैं अब जिन्दगी-के कब तक तरसाओगी तुम,
बहुत सी हसरतें हैं बाकी तेरे वादों की मेरे पास,
अब इतनी तो खावर देदो उन वादों की-के कब तक निभाओगी तुम,
अब शायद मेरी तमन्ना मेरी कबर में पूरी हो......
अब टी चैन की नींद सोने दो मुझे-के कब तक जगाओगी तुम......
मुझे अब सुकून नहीं मिलता इस जहाँ में-के कब आओगी तुम,
तरसता हूँ तेरी एक आवाज़ सुनने को -के कब बत्लोगी तुम,
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