JO BHI DIL KAHE
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Monday, April 16, 2012
पानी का जल जाना
दिल से यूँ तेरी आरज़ू का निकल जाना,
जैसे बहते दरिया का सेहरा में बदल जाना,
शाम की तनहाई में घबरा के मचल जाना,
और आँखों ही आँखों में रात का ढल जाना,
ग़म ऐ दौरा में तेरे जिक्र से बहल जाना,
फिर उसीका ग़म ऐ दौरा में बदल जाना...
दिल से यूँ तेरी आरज़ू का निकल जाना,
आग में जैसे पानी का जल जाना..
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