मुझे अब डर नहीं लगता......
किसी के दूर जाने से, ताल्लुक टूट जाने से
किसी के मान जाने से, किसी के रूठ जाने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
किसी को आजमाने से, किसी के आजमाने से
किसी को याद रखने से, किसी को भूल जाने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
किसी को छोड़ देने से, किसी के छोड़ जाने से
ना शमा को जलाने से, ना शमा को बुझाने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
अकेले मुस्कराने से, कभी आंसू बहाने से
ना इस सरे जमाने से, हकीकत से फ़साने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
ना तो इस पार रहने से, ना तो उस पार रहने से
ना अपनी जिंदगानी से, ना एक दिन मौत आने से
मुझे अब डर नहीं लगता, मुझे अब डर नहीं लगता......!!!
किसी के दूर जाने से, ताल्लुक टूट जाने से
किसी के मान जाने से, किसी के रूठ जाने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
किसी को आजमाने से, किसी के आजमाने से
किसी को याद रखने से, किसी को भूल जाने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
किसी को छोड़ देने से, किसी के छोड़ जाने से
ना शमा को जलाने से, ना शमा को बुझाने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
अकेले मुस्कराने से, कभी आंसू बहाने से
ना इस सरे जमाने से, हकीकत से फ़साने से
मुझे अब डर नहीं लगता......
ना तो इस पार रहने से, ना तो उस पार रहने से
ना अपनी जिंदगानी से, ना एक दिन मौत आने से
मुझे अब डर नहीं लगता, मुझे अब डर नहीं लगता......!!!
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