मैंने जिससे प्यार किया है याद हमेशा आता है।
हर पल उसका ही चेहरा आँखों में मुस्काता है।
उसको लेकर जाने क्या क्या मन में सोचा करता हूँ ,
इन बेचैनी सी भर जाती तनहा दिल घबराता है।
आँखों ने जब से था उसकी सूरत का दीदार किया ,
नहीं दूसरा कोई इनको कभी ज़रा भी भाता है।
नहीं मिले जो अगर कभी वो लुटा पिटा सा लगता हूँ ,
और सामने आ जाए तो तन पत्थर हो जाता है।
उसकी बातें कानों में बस शहद घोलती रहतीं हैं ,
ज़रा ज़रा में रूठा करना उसका अब याद आता है।
कोई चाहे प्यार कहे या इसको इक दीवानापन ,
उसके ख्यालों में मानों ये वक्त ठहर सा जाता है।
हर पल उसका ही चेहरा आँखों में मुस्काता है।
उसको लेकर जाने क्या क्या मन में सोचा करता हूँ ,
इन बेचैनी सी भर जाती तनहा दिल घबराता है।
आँखों ने जब से था उसकी सूरत का दीदार किया ,
नहीं दूसरा कोई इनको कभी ज़रा भी भाता है।
नहीं मिले जो अगर कभी वो लुटा पिटा सा लगता हूँ ,
और सामने आ जाए तो तन पत्थर हो जाता है।
उसकी बातें कानों में बस शहद घोलती रहतीं हैं ,
ज़रा ज़रा में रूठा करना उसका अब याद आता है।
कोई चाहे प्यार कहे या इसको इक दीवानापन ,
उसके ख्यालों में मानों ये वक्त ठहर सा जाता है।
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