ये आसमां से ख्याल तक
एक अधूरी जमीं की प्यास है
ये मिट ना सके तूफ़ान तक
मेरे दिन रात भी उदास है
ये आसमां से ख्याल..................
कोई मजबूर है शहर इतना
के रूह तो मिल जाये आस है
ना टूट सके डोर लहुँ के
मुझे अब दुश्मनो की तलाश है
ये आसमां से ख्याल..................
मैं लड़ रहा हूँ परछाइयां मेरी
पीछे रह जाये जो अब पास है
कौन अपना है कौन रक़ीब यहां
यूँ जो तन्हा अब, क्या खास है
ये आसमां से ख्याल..................
मुझ से रब रूठ गया है शाम से
मेरे ख़्वाब में मिल जाये दरख़ास्त है
मेरे चाँद को भी है फिक्र मेरी
चांदनी लुटाए मुझपे के जब तक सांस है
ये आसमां से ख्याल..................
ये आसमां से ख्याल तक
एक अधूरी जमीं की प्यास है...............
एक अधूरी जमीं की प्यास है
ये मिट ना सके तूफ़ान तक
मेरे दिन रात भी उदास है
ये आसमां से ख्याल..................
कोई मजबूर है शहर इतना
के रूह तो मिल जाये आस है
ना टूट सके डोर लहुँ के
मुझे अब दुश्मनो की तलाश है
ये आसमां से ख्याल..................
मैं लड़ रहा हूँ परछाइयां मेरी
पीछे रह जाये जो अब पास है
कौन अपना है कौन रक़ीब यहां
यूँ जो तन्हा अब, क्या खास है
ये आसमां से ख्याल..................
मुझ से रब रूठ गया है शाम से
मेरे ख़्वाब में मिल जाये दरख़ास्त है
मेरे चाँद को भी है फिक्र मेरी
चांदनी लुटाए मुझपे के जब तक सांस है
ये आसमां से ख्याल..................
ये आसमां से ख्याल तक
एक अधूरी जमीं की प्यास है...............
No comments:
Post a Comment