ख़्वाबों से, बाहर तो निकलो,तुम आज,हक़ीक़त बन जाओ|
जागी हो , नीँद से जो अपनी मेरी वो , किस्मत बन जाओ||
ख़्वाहिश की, तरह जो सुंदर हो,साँसों में समाया,चन्दन हो,
मन्दिर की एक, मूरत हो जैसी, प्यारी सी,सूरत बन जाओ||
हो सीने में , धड़कता दिल मेरा , पर उसमें धड़कन हो तेरी,
सांसों में, उलझी साँसे हो, तुम जीने की, जरूरत बन जाओ||
आँखों से, छलकती हो मदिरा,लब मय से भरे दो पैमाने हों,
प्यासा ही रहे , बस पीने वाला तुम ऐसा, शरबत बन जाओ||
"वीरान" कभी , करवट लेकर बिस्तर की, सिलवट से पूंछों,
कहती है, सुबह हम मिट जायेंगें,ग़र मेरी,हसरत बन जाओ||
जागी हो , नीँद से जो अपनी मेरी वो , किस्मत बन जाओ||
ख़्वाहिश की, तरह जो सुंदर हो,साँसों में समाया,चन्दन हो,
मन्दिर की एक, मूरत हो जैसी, प्यारी सी,सूरत बन जाओ||
हो सीने में , धड़कता दिल मेरा , पर उसमें धड़कन हो तेरी,
सांसों में, उलझी साँसे हो, तुम जीने की, जरूरत बन जाओ||
आँखों से, छलकती हो मदिरा,लब मय से भरे दो पैमाने हों,
प्यासा ही रहे , बस पीने वाला तुम ऐसा, शरबत बन जाओ||
"वीरान" कभी , करवट लेकर बिस्तर की, सिलवट से पूंछों,
कहती है, सुबह हम मिट जायेंगें,ग़र मेरी,हसरत बन जाओ||
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