ताल मूवी देखे हुए काफी टाइम हो गया है ,
लेकिन आज भी जब बारिशों में भीगते हुए घास के हरे मैदान देखता हूँ, या जब भी दिमाग में सुरूर सा आता है, तो मुझे ये गाना और यही सीन याद आते हैं,
ऐश्वर्या राय मुझे ख़ास पसंद नहीं रही, ख़ास कर "खाकी" में इन्स्पेक्टर शेखर यानी अक्षय कुमार को मरवा देने के बाद से तो बिलकुल भी नहीं. लेकिन जब भी बारिश होती है
तो यही दिमाग में आता है और साथ में स्केट्स पे दोनों हाथ फैला के बारिश में चलता हुआ मै खुद को अक्षय खन्ना समझने लगता हू...
लेकिन आज भी जब बारिशों में भीगते हुए घास के हरे मैदान देखता हूँ, या जब भी दिमाग में सुरूर सा आता है, तो मुझे ये गाना और यही सीन याद आते हैं,
ऐश्वर्या राय मुझे ख़ास पसंद नहीं रही, ख़ास कर "खाकी" में इन्स्पेक्टर शेखर यानी अक्षय कुमार को मरवा देने के बाद से तो बिलकुल भी नहीं. लेकिन जब भी बारिश होती है
तो यही दिमाग में आता है और साथ में स्केट्स पे दोनों हाथ फैला के बारिश में चलता हुआ मै खुद को अक्षय खन्ना समझने लगता हू...
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