कच्चे बखिये की तरह रिश्ते उधड जाते है...
लोग मिलते है मिलके बिछड जाते है.
युं हुआ दूरियां कम करने गये थे दोनो...
रोज चलने से भी तो मगर रस्ते उखड जाते है.
छांव में ही रखकर पूजा करो ये मोम के बूत...
धूप मे अच्छे भले नकशे बिगड जाते है.
लोग मिलते है मिलके बिछड जाते है.
युं हुआ दूरियां कम करने गये थे दोनो...
रोज चलने से भी तो मगर रस्ते उखड जाते है.
छांव में ही रखकर पूजा करो ये मोम के बूत...
धूप मे अच्छे भले नकशे बिगड जाते है.
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