एक नजर ने उलझाया,मेरे ख्वाबों में आकर ..,
अजीब है वो देखती मेरी हाथों में उंगली फंसाकर..,
बात कन्हैया की है करती..महाभारत में उलझा कर..,
मेरी तरफ है फिर देखती-चाँद को दिखाकर ..,
अजीब है वो देखती मेरी हाथों में उंगली फंसाकर..,
बात कन्हैया की है करती..महाभारत में उलझा कर..,
मेरी तरफ है फिर देखती-चाँद को दिखाकर ..,
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