Monday, May 14, 2012

वफ़ा निभा दी बारिश ने

आज फिर मुझको उसकी याद दिला दी बारिश ने
दिल में जो भूल की आग थी बुझा दी बारिश ने

मैं तनहा था अपने घर में ज़माने से परे
मगर मेरे घर की दीवार गिरा दी बारिश ने
...
उस के जिक्र से हो गयी मेरी आंखें नम
मगर दोस्तों में ये सारी बात छुपा दी बारिश ने

सुना है, वो भी रोया है आज बहुत
लगता है उनको मेरी याद दिला दी बारिश ने

वो बेवफा हुआ तो फिर क्या हुआ
आज मेरे साथ रो कर वफ़ा निभा दी बारिश ने.......

No comments:

Post a Comment