Monday, December 16, 2013

ज़िंदगी तू यूं ही लाजवाब नहीं.

कड़वा सच,
मीठा झूठ,
धनवान लालच,
गरीब दरियादिली,
खुशी में आँसू,
नींद में ख्वाब,
प्यार में तकरार,
छोटों की नसीहतें,
बड़ों की बेवकूफ़ियाँ,
जानवरों की इंसानियत 
इंसानी वहशीपन,
खामोश बातें,
भागती रातें,
समझदार जिझक,
पागलपन में बेबाकी,

हर बात कमाल तेरी.।
ज़िंदगी तू यूं ही लाजवाब नहीं..!!:)

No comments:

Post a Comment