तेरी बेरूख़ी का शुक्रगुज़ार हूँ मैं
खुद अपना ही ज़िंदा मज़ार हूँ मैं
नापतोल जो करना है कर लो तुम
गुमनामी का बेनामी बज़ार हूँ मैं
महसूस कर सको गर मुझमें कभी
इक शख़्स में अक्स हज़ार हूँ मैं
दर्द की आमद हो चाहे जितनी
दौरे ख़िज़ा में भी गुलज़ार हूँ मैं
छू सको गर मुझको तुम
जज़्बातों का फ़क़त इज़ार हूँ मैं
खुद अपना ही ज़िंदा मज़ार हूँ मैं
नापतोल जो करना है कर लो तुम
गुमनामी का बेनामी बज़ार हूँ मैं
महसूस कर सको गर मुझमें कभी
इक शख़्स में अक्स हज़ार हूँ मैं
दर्द की आमद हो चाहे जितनी
दौरे ख़िज़ा में भी गुलज़ार हूँ मैं
छू सको गर मुझको तुम
जज़्बातों का फ़क़त इज़ार हूँ मैं
No comments:
Post a Comment