Thursday, July 7, 2011

उसके ख्वाबो की हसरत

लम्हा लम्हा रात और भी गहराने लगी साक़ी,
उसकी यादें भी आ आकर सताने लगी साक़ी...
नींदों से यूँ नहीं ताल्लुकात अच्छे अपने पर,
उसके ख्वाबो की हसरत बहकाने लगी साक़ी....

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