JO BHI DIL KAHE
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Tuesday, May 31, 2011
ये हारत है खुद से
अज़ीब लह्जा है इस नशे मन का,
कभी आपने आप से नराज़ होता है
तो कभी दूसरों से,
जाने किसकी तलाश है,
मुद्दतों से 'शेष' इसको,
ये हारत है खुद से
और जीतता भी खुद से ही है,
अम्बरीष 'शेष'..
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