Monday, May 23, 2011

न ये मर पायेगा

मेरा खस्ता हाल देखकर,
.................कहा था एक दिन उसने,
यही हाल रहा तुम्हारा,
.................तो जल्द ही मर जाओगे,

मैंने जवाब दिया था कि,
.................जब तक तेरे मिलने कि,
एक भी उम्मीद बाकि है,
.................मुझे कोई ग़म, कोई दर्द,
देखना मिटा न पायेगा,
.................खुदा भी एक दिन झुक जायेगा,


फिर वो मिले मुद्दतो बाद,
.................मुझे देख, हैरत से बोले,
अरे तुम जिन्दा हो अब तक,
.................वही हाल, वही बेहाल से,

मैंने बताया जो सच था,
.................आए तो थे मौत के फ़रिश्ते,
तरस खाकर या नियम से,
.................नहीं मालूम मगर आए जरूर थे,
पूछी जब उन्होंने आखिरी ख्वाहिश,
.................तो मैंने कहा था, बस तुम्हे,
दिल से जरा निकाल बाहर करूँ,
.................फिर ख़ुशी ख़ुशी साथ,
हँसते हँसते चला आऊंगा,

जानती हो, मुस्कराए थे वो,
.................और अलविदा कह गए ये गाते गाते,

ये दीवाना, ज़िन्दगी भर, यूँही पछतायेगा,
न दिल से वो निकलेगा, न ये मर पायेगा....

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