Tuesday, April 14, 2015

बात वो है जो तुमने ठानी है

मैंने लिखनी है, बस सुनानी है
बात तो उस तरफ से आनी है.
बात जो करिये तो करिये खुलकर
दिल में रखना तो बेईमानी है.
साफ़ कहना है, साफ़ सुनना है,
अपनी आदत ये ख़ानदानी है.
आप करिये बहस या फिर चर्चा
बात तो बहता हुआ पानी है.
आप जो बात कहते हो सबसे
उसमें मेरी ही तो कहानी है.
बात बोलो तो आग जैसी है
और इसको लिखो तो पानी है.
बात वो बात नहीं जो कह दी
बात वो है जो तुमने ठानी है.

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