खून से सने रिश्तों का चलन देख रहा हूँ,
भूख से तड़पता हुआ इंसान देख रहा हूँ,
झूठी रियासतों के इस महानायक दौर में,
सबके चमकते चेहरों पे जलन देख रहा हूँ।।
भूख से तड़पता हुआ इंसान देख रहा हूँ,
झूठी रियासतों के इस महानायक दौर में,
सबके चमकते चेहरों पे जलन देख रहा हूँ।।
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