चुपके से कोई घर को सजाने के लिए हो
इस बार कोई हम को मनाने के लिए हो
दुश्मनी तो तुमने कर के देख ली बहुत
अब कुछ तो महोब्बत को बढाने के लिए हो
ये सच हैं हमें नींद भी आ जायेगी उस शब्
तैयार वो गर ख्वाब में आने के लिए हो
इस बार भी मेहमान बुलाये नहीं घर पे
अब कुछ तो गरीबी को छुपाने के लिए हो
करते ना बगावत तो भला और क्या करते
कोई अपनी भी तो सुनने सुनाने के लिए हो.
इस बार कोई हम को मनाने के लिए हो
दुश्मनी तो तुमने कर के देख ली बहुत
अब कुछ तो महोब्बत को बढाने के लिए हो
ये सच हैं हमें नींद भी आ जायेगी उस शब्
तैयार वो गर ख्वाब में आने के लिए हो
इस बार भी मेहमान बुलाये नहीं घर पे
अब कुछ तो गरीबी को छुपाने के लिए हो
करते ना बगावत तो भला और क्या करते
कोई अपनी भी तो सुनने सुनाने के लिए हो.
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