तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न,
दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है ,
तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे,
कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है...
दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है ,
तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे,
कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है...
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