Tuesday, May 15, 2012

मेरी मायूसियाँ तनहाइयाँ


!!!!! ऐ वक़्त कभी लौट आ, मेरी जिंदगी उधार दे,
मुझे और कुछ अता ना कर, जो खो गया वो प्यार दे

मुझे वो ही लम्हे बक्श दे, जिनमे वो मेरे साथ था
फिर थाम कर ज़रा खुद को तू, मेरी जिंदगी सँवार दे,
...
मेरी तिशनगी की आंच में, है आवाज़ कही खो गयी
मेरे यार को आवाज़ दे, मेरी ओर से पुकार दे,

है आज मेरे साथ बस, मेरी मायूसियाँ तनहाइयाँ
मेरे यार ज़रा रहम कर, मुझे थोडा सा करार दे,

जो ना दे सके मुझे सुकून, तो ये इल्तेज़ा कुबूल कर
जहा यादें ना पहुँच सके, मुझे ऐसी ही मज़ार दे,

यहाँ हर तरफ अदावतें, नफरत-ओ-फरेब है,
जहा हर ज़हां में प्यार हो, कोई ऐसा संसार दे !!!!!

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