'आओ किसी शब् मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो.
किस किस अदा से तुझे माँगा है रब से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो.
तेरी तलाश में हमने खुद को खो दिया है,
मत आओ सामने मगर कहीं छुप के मुझे तड़पता देखो.
बड़े शौक से मर जायेंगे हम अगर
तुम सामने बैठ कर साँसों का कारवां टूटता देखो...
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो.
किस किस अदा से तुझे माँगा है रब से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो.
तेरी तलाश में हमने खुद को खो दिया है,
मत आओ सामने मगर कहीं छुप के मुझे तड़पता देखो.
बड़े शौक से मर जायेंगे हम अगर
तुम सामने बैठ कर साँसों का कारवां टूटता देखो...
where did you find this ..can you tell me please its urgent ..
ReplyDeletemaster.mriduljoshi@gmail.com
if possible please also send the proof as scans or something because this poetry could be a copyright material you have posted on your blog..
find somewhere in google
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